Friday, August 3, 2012

चेहरा बदलता आन्दोलन

आज अन्ना जी का अनशन समाप्त हुआ और उन्होंने राजनितिक दल बनाने की घोषणा भी कर दी और कहा की देश की राजनीति को नया विकल्प देने के लिए एक नया दल का गठन करेंगे 
उनके इस निर्णय से काफी हो हल्ला हो रहा है और बहुत से लोग इसे गलत तो बहुत से लोग इसे सही निर्णय करार दे रहे है 
मैंने अपने पिछले ही ब्लॉग में लिखा था की यह आन्दोलन दिशा से भटकता जा रहा है इसी कारणवश इसे पहले जैसा आपर जनसमर्थन नहीं मिल पा रहा है जिसकी अपेक्षा टीम अन्ना को थी और आखिर वही हुआ जिसका मुझे अंदेशा था अनशन समाप्त और आन्दोलन को नयी दिशा देने के लिए राजनितिक दल गठन करने का ऐलान हो गया 
बहुत से लोग कह रहे है की उन्हें अन्ना के इस निर्णय से झटका लगा है और वह महसूस कर रहे है की इस आन्दोलन के नाम पर देश की बेवकूफ बनाया गया 
आज मेरे एक दोस्त ने एक व्यंग्य लिखा था की शायद किसी ने अन्ना जी को अनिल कपूर अभिनीत नायक फिल्म दिखा दी और उसी का अन्ना जी पर असर हो गया जो उन्होंने राजनितिक दल के गठन का ऐलान कर दिया 
यह तो हुयी व्यंग्य की बात लेकिन इसी फिल्म में परेश रावल द्वारा  अभिनीत बंसल जी नामक पात्र ने एक चीज बहुत ही सही बोली थी की सब लोग कहते है राजनीति एक गटर है और हम लोग चाहते तो है की यह गटर साफ़ हो जाये लेकिन पहल कोई नहीं करता क्योकि गटर को साफ़ करने के लिए गटर में उतरना पड़ता है इसी प्रकार राजनीति रूपी गटर को साफ़ करने के लिए उसमे उतरना ही पड़ेगा मतलब सक्रिय राजनीति में आना ही पड़ेगा 
आप गटर के बाहर रह कर गटर की साफ़ सफाई के लिए किसी और को निर्देशित नहीं कर सकते यह हिम्मत तो आपको स्वयं उठानी होगी 
अन्ना राजनीति को सही रूप रंग देने के लिए स्वयं राजनीति दल  का गठन कर अपनी भूमिका निभाना चाहते है तो यह निर्णय काबिले तारीफ़ है 
अगर अन्ना सरकार को जन लोकपाल न लाने के लिए कोसते है और कहते है की सरकार उनकी नहीं सुनती और वह किसी राजनीतिक दल का साथ भी नहीं लेना चाहते तो स्वयं का राजनीतिक दल बना कर चुनाव लड़ने का फैसला बिलकुल सही है इस से उन्हें अपनी शक्ति का भी अंदाजा हो जायेगा और पता चल जायेगा की जनता क्या चाहती है 
यह तो हुयी अन्ना के इस निर्णय की बात लेकिन इस फैसले को आकार देने में क्या व्यवहारिक दिक्कते आ सकती है उस बार में चर्चा करना चाहूँगा 
अगर टीम अन्ना यह कहती है की वह लोग राजनितिक दल का गठन करेंगे और चुनाव प्रकिर्या में हिस्सा लेंगे तो कहना चाहूँगा की टीम अन्ना में जिन लोगो का नाम लिया जाता है उनकी गिनती करने के लिए भी उंगलियों की संख्या भी ज्यादा होगी तो फिर चुनाव में यह लोग  उम्मीदवार कहा से लायेंगे 
अगर लोकसभा चुनाव की बात की जाये तो पुरे देश में लोकसभा की ५४३ सीट है ऐसे में अगर मोजूदा टीम अन्ना अगर गिनती की चंद सीटें जीत भी ले तो इस से कोई बड़ा बदलाव संभव नहीं है तो चुनौती सब से पहले अन्ना  के सामने है उनकी कसौटी पर खरे उम्मीदवार चुनने की 
कहने को तो यह आसान सा लगता है दरअसल यही सब से मुश्किल है क्योकि टीम अन्ना को अपनी कसौटी पर खरे उतरते ऐसे उम्मीदवार चुनने होंगे जो अपने क्षेत्र में जाने पहचाने चेहरे हो क्योकि राजनीति में लोग किसी अपिरचित चेहरे को सिर्फ अन्ना के कहने पर वोट नहीं देने वाले 
कोई भी राजनीतिक दल का गठन करने के लिए और चुनाव लड़ने के लिए पैसे का होना सब से जरुरी है और यह पैसा कहा से आयेगा ?
टीम अन्ना के बारे में पहले से ही यह कहा जा रहा था की इसमें कई लोग सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्व आकांशा  पूरी करने के लिए इस आन्दोलन से जुड़े है जो एक  प्रकार से इस निर्णय से सही साबित प्रतीत होगा और यही बात इनके सबसे ज्यादा खिलाफ जाएगी 
कुछ भी हो इस अन्य राजनीति दल का भविष्य तो हमें आने वाला समय ही बताएगा तब तक हम सबको इन्तेजार करना होगा 

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