Saturday, July 10, 2010

रेल मंत्रालय द्वारा आई आर सी टी सी अधिकृत एजेंट को तत्काल सेवा का टिकेट बुकिंग करने पर प्रतिबन्ध लगाने सम्बन्धी फैसला से क्या आम जनता को राहत मिलेगी या परेशानी बढेगी ?

आज से रेल मंत्रालय के आदेश अनुसार आई आर सी टी सी अधिकृत एजेंट सुबह 8 से 9 बजे तक तत्काल सेवा और 90 दिन पहले होने वाली एडवांस बुकिंग नहीं कर पाएंगे यह फैसला पिछले कुछ महीनो से तत्काल मैं होने वाली गड़बड़ियो को रोकने के मद्दे नजर लिया गया है ताकि आम आदमी को तत्काल सेवा का टिकेट मिलने मैं परेशानी न हो लेकिन क्या वाकई इस फैसले से आम आदमी को कोई रहत मिलेगी या उल्टा इस से परेशानी बढेगी

जैसा की सब जानते है की रेलवे की टिकेट बुक करने के दो रास्ते है एक स्टेशन पर टिकेट खिड़की पर लाइन मैं खड़े होकर और दूसरा आई आर सी टी सी की साईट से घर बैठे इन्टरनेट द्वारा अब जैसा की हर साल होता है गर्मियों की छुट्टियों मैं जब सब गाडियों मैं लम्बा वेटिंग हो जाता है तो कन्फर्म टिकेट लेने के लिए सिर्फ तत्काल कोटा ही बचता है जो की गाड़ी छुटने से दो दिन पहले खुलता है सुबह 8 बजे से जिसे लेने के लिए बहुत मारा मरी है अगर 100 सीट का कोटा है तो 1000 दावेदार है सीजन के समय इन सीटो को भरने मैं कई बार एक मिनट से भी कम समय लगता है क्योकि इसकी बुकिंग देश भर मैं एक साथ खुलती है (स्टेशन पर भी और आई आर सी टी सी की साईट पर भी) तो लोगो को लगता है की इस मैं कोई धांधली हो रही है जबकि अगर आप देश भर मैं रिजेर्वेशन केन्द्रों की संख्या और इन्टरनेट पर बुकिंग करने वाले(इसमें एजेंट और आम जनता दोनों शामिल है) की संख्या देखेंगे तो आप को इस का उत्तर स्वयम मिल जायेगा जिस तरह शेयर बाजार मैं एक ही मिनट मैं भाव या तो एक दम ऊपर चला जाता हा यह फिर एक दम गिर जाता है तो यह तत्काल का सिस्टम भी उसी तरह चंद लम्हों का खेल है

जैसा की सभी को पता है स्टेशन की टिकेट खिडकियों पर अनधिकृत दलालों का पूरी तरह से कब्ज़ा है और इनकी बुकिंग क्लर्क से साठ गाठ भी होती जिस वजह से इन लोगो से क्लर्क एक से ज्यादा फॉर्म भी ले लेते है जबकि आम आदमी को दूसरा फॉर्म होने की स्थिति मैं दोबारा लाइन मैं आने के लिए कहा जाता है और तो और कई बड़े शहरे मैं हाल यहाँ तक है की सुबह बुकिंग मैं पहला नंबर हासिल करने के लिए एक रात पहले ही लाइन लग जाती है यह लोग रात रात भर लाइन मैं लगे रहते है ताकि सुबह ज्यादा से जायदा तत्काल के टिकेट बनवा कर उन्हें मुह मांगे दामो पर बेचा जा सके क्योकि स्टेशन से बुक किये गए टिकेट पर रेलवे किसी भी तरह का पहचान पत्र नहीं मांगता इसलिए किसी भी फर्जी नाम से टिकेट बुक कर किसी भी व्यक्ति को आसानी से बेचा जा सकता है जो की देश की सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है

आम आदमी के लिए तो टिकेट खिड़की से टिकेट बनवा पाना बुरे सपने के समान है क्योकि इन लोगो की वजह से आम आदमी टिकेट खिड़की तक पहुच ही नहीं पा रहा

अब हम सिक्के के दुसरे पहलु को देखते है आई आर सी टी सी की साईट से टिकेट अजेंट्स और आम जनता दोनों द्वारा बुक किये जा सकते है एजेंट और आम जनता दोनों के लिए यह साईट समान रूप से कार्य करती है अगर एजेंट के लिए बुकिंग 8 बजे खुलती है तो आम जनता के लिए भी उसी समय खुलती है लेकिन सीजन के समय बहुत सारे लोगो द्वारा एक ही समय पर कोशिश करने की वजय से यह साईट तत्काल खुलते ही तुरन बंद हो जाती है और इस दिक्कत का सामना एजेंट और आम जनता दोनों को करना पड़ता है जबकि लोगो मैं वहम है की अजेंट्स के लिए कोई अलग से सर्वर है जिस वजह से उनके टिकेट बन जाते है लेकिन वाकई मैं ऐसा नहीं है हर कोई एजेंट तत्काल टिकेट बना पाने मैं सफल नहीं होता तत्काल का टिकेट बना पाना एक बिगडेल घोड़े की सवारी करने के समान है जिसको साधना हर किसी के बस की बात नहीं है और यह नियमित अभ्यास से ही संभव हो पता है यानि की तत्काल टिकेट बना पाने के लिए अजेंट्स को भी लम्बे समय तक धेर्य और अभ्यास करना पड़ता है

अब रेल मंत्रालय के इस कदम से टिकेटखिड़की पर साठ गाठ कर टिकेट हासिल करने वालो लोगो और बाबुओ की चांदी हो जाएगी और आम आदमीं फिर से तत्काल टिकेट के लिए परेशान होगा इसके अतिरिक्त कई लोग ऐसे भी है जो अपनी यात्रा की जरूरतों के लिए पूरी तरह से ई टिकेट एजेंट पर निर्भर है इनमे कार्पोरेट सेक्टर को वह लोग शामिल है जिन्हें अपने काम की वजह से महीने मैं कई दिन इधर से उधर दुसरे शहर मैं घूमना पड़ता है नए शहर मैं जाकर भी ऐसे लोग अपने से सम्बंधित अजेंट् से ही टिकेट बुक करवाते है वजह एक तो अनजान शहर और दूसरा सुबह सुबह यह लोग उठ कर एक टिकेट के लिए आई आर सी टी सी की साईट से नहीं जून्झ सकते जबकि इस श्रेणी के लोगो के पास लैपटॉप और डाटा कार्ड (इन्टरनेट सुविधा) आसानी से उपलब्ध है सब से ज्यादा परेशानी तो इस निर्णय से इस श्रेणी को होने वाली है अगर इस मुद्दे के दोनों पहलु देखे जाये तो यह साफ़ है की यह निर्णय लोगो की तकलीफ कम करने की बजाये बढायेगा ही और इसका फायदा स्टेशन खिड़की पर साठ गाठ करने वाले लोगो को फायदा पहुचाने के लिए किया गया है

9 comments:

  1. Hi Jitesh ji,

    I am agree with your all points except one that you said booking a tatkal ticket is like a sadhna.I have also booked a tatkal ticket so i found if site is opening then u can book,if its not opening or going down in between then you cant book the tickets so where is the part of sadhna or too much of practice..

    hopeing for a good reply

    Thanks,
    Nilesh

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  2. आपकी बात सही है कि-
    ....अगर इस मुद्दे के दोनों पहलु देखे जाये तो यह साफ़ है की यह निर्णय लोगो की तकलीफ कम करने की बजाये बढायेगा ही और इसका फायदा स्टेशन खिड़की पर साठ गाठ करने वाले लोगो को फायदा पहुचाने के लिए किया गया है....
    सही बात तो ये है कि इस काले काम में ऊपर तक हिस्सेदारी होती है. इसके आलावा आपात कोटा भी सरेआम बिकता है! अच्छा मुद्दा उठाया है! शुभकामनाओं सहित आपका
    -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है।
    इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३५६ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६

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  3. सुन्दर पोस्ट. हमने भी परेशानी झेली है. यहाँ यह बता दें की agents को हाई स्पीड leased लाइन connection दी गयी है. अतः आम लोगों को साईट खुलने में ही परेशानी होती.

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  4. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  5. इस नए और सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  6. आपका ब्लाग जगत में स्वागत है।
    नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    पढिए एक प्रेम कहानी

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  7. Behad sahi vaktavya.upayogee aalekh v sateek aakalan ke liye badhai.muddhe par charcha honi chahiye.I m agree with u.

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  8. हम लोगो में किसी को पब्लिक इंटेरेस्ट लितिगतिओन फाइल करना चाहिए इस फैसले के विरुद्ध

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  9. Railway ke is faisle se irctc agent ke sare customer band ho gaye hai. ab to aesa lagta hai ke irctc agent banne ke liye jo secority di thi vo bekar gyi hai. budget ke doran bhi mamta ne irctc agent ko nazar andaz kar diya

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