Tuesday, June 12, 2012

खरी खरी


अमरीका की क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कल वह बात कही जी जानती तो पूरी कांग्रेस है लेकिन कोई भी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं था . कल स्टेंडर्ड एंड पुअर्स S&P ने कहा की आने वाले समय में भारत की क्रेडिट रेटिंग और गिराई जा सकती है क्योकि भारत सरकार के कहने को प्रधानमंत्री तो श्री मनमोहन सिंह है लेकिन सत्ता की ताकत उनके हाथ में न होकर श्रीमती सोनिया गाँधी के हाथ में है 
भारत सरकार वैश्विक उदारीकरण की नीतियों का पालन अपनी सत्ता की मजबूरियों के चलते नहीं कर पा रही और सरकार की निति निर्धारण में सहयोगी दलों का अत्यधिक दबाव है जिस कारण कई बार सही फैसले भी राजनितिक वोट बैंक के डर से नहीं लिए जा पा रहे है 

S&P ने कहा की मनमोहन सिंह जब नरसिम्हा राव सरकार में वित् मंत्री थे तब उनका पर्दर्शन बेहतर था लेकिन अब जब प्रधान मंत्री है और उनसे बेहतर भविष्य की उम्मीद थी तो हर मोर्चे पर उनकी सरकार विफल है 
कांग्रेस की भी इस विषय में बोलती बंद है और उसके सब गला फाडू प्रवक्ता इस मुद्दे पर चुप है 
हो भी क्यों न हाई कमान ने इस विषय में मुह खोलने से जो मना कर दिया होगा वरना
दिग्विजय सिंह को शायद इसमें भी आर एस एस का हाथ लगता
बडबोले मनीष तिवारी को को इसमें विपक्षी पार्टियों की साजिश की बू आती होगी 

लेकिन कुछ भी हो अब तो इस सच पर विदेशी ठप्पा भी लग गया 
अब तो कांग्रेस को अपनी गलत नीतियों में कुछ सुधार करना चाहिए वरना 2014 चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है 

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