कल ही हमने देश की आजादी का जश्न मनाया लेकिन वाकई क्या इस समय हम लोग आजाद है ?
आज देश गुलाम है सम्प्रदायिक मानसिकता का जो देश के टुकड़े करने पर तुली हुयी है और हम लोग इस के खिलाफ आवाज तक नहीं निकाल रहे अगर यही हालात रहे तो देश टुकडो में बंट जायेगा
आज मेरा मन क्षुब्ध है देश के मोजूदा हालात से जिसमे भारत के नागरिको के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है और सरकार चुप चाप देख रही है
देश के सविधान के अनुसार देश के हर नागरिक को देश के किसी भी कोने में रह कर अपना जीवन यापन करने का अधिकार प्राप्त है लेकिन कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोग आज इस मौलिक अधिकार का हनन करने पर तुले हुए है और इस सबको सरकार का मूक समर्थन प्राप्त है
मूक समर्थन इस लिए की अगर आप किसी गलत चीज के विरूद्ध नहीं और उसके खिलाफ कुछ नहीं कहते है या तटस्थ रहते है तो एक प्रकार से आप उस चीज का मूक रूप से समर्थन ही कर रहे है
देश में आज कुछ लोग माहोल खराब करने पर तुले हुए है और देश को टुकडो में बाँटने की साजिश रची जा रही है और कुछ खास प्रान्त के लोगो को निशाना बनाया जा रहा है जो अपनी आजीविका कमाने के लिए या पढाई के लिए दुसरे प्रान्त में है
महाराष्ट्र और कर्नाटक में पूर्वोत्तर के निवासियों को धमकाया जा रहा है और उन पर हमले की अफवाहे फैलाई जा रही है और उन्हें राज्य छोड़ कर वापिस जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है
कुछ समय पहले इस प्रकार की हिंसक घटनाये महाराष्ट्र से शुरू हुयी थी जब मनसे का गठन राज ठाकरे के नेत्र्तव में हुआ और इस नवनिर्मित राजनितिक दल ने लोगो का ध्यान आकर्षित करने के लिए मराठी अस्मिता के नाम पर गरीब उत्तर प्रदेश और बिहार वासियों पर हिंसक हमले शुरू किये यह कहते हुए की इन दुसरे प्रान्त के लोगो को वजह से महाराष्ट्र के लोगो के अधिकारों का हनन हो रहा है जब की यह टुच्चा राजनितिक दल खुद सविधान के मौलिक अधिकारों के हनन में लगा हुआ था और तब न तो राज्य सरकार और न केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को तवज्जो दी और उस समय भी उत्तर भारतीयों का बहुत बड़ी संख्या में वापिस पलायन हुआ था
आज यही स्थिति देश के अन्य राज्यों में भी पनपती जा रही है इन अफवाहों का दोष मढ़ा जा रहा है सोशल नेट्वर्किंग साईटो फेसबुक और ट्विट्टर इत्यादि पर
आज संसद में समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने सोशल नेटवर्किंग साईटो और बल्क एसएम्एस सेवायो पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की बात कही और सरकार ने आनन फानन में बल्क एसएम्एस सेवायो पर आगामी १५ दिनों तक प्रतिबंध लगा दिया और गाहे बगाहे सरकार सोशल नेट्वोर्किंग पर भी लगाम लगाने की तैयारी अपने राजनितिक फायदे के लिए कर रही है
प्रतिबन्ध के लिए बहाना यह दिया जा रहा है की इन सब का इस्तेमाल अफवाहे फ़ैलाने वाले कर रहे है जब की सरकार इन साईटो पर अपने नकारात्मक प्रचार से डरी हुयी है
लेकिन अगर सरकार का सोचना सही है टो फिर सब से पहले समाचार चेनलो पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया जाना चाहिए क्योकि हमारे देश के समाचार चेनल समाचार कम सनसनी ज्यादा परोसते है और किसी भी चीज के नकारात्मक विचारो को मुख्य मुद्दे की तरह प्रस्तुत करते है
मेरी नजर में इन अफवाहों को फ़ैलाने में यह सब टीआरपी के भूखे भेड़िये ज्यादा आगे है
लेकिन इस वक्त सब से जरुरी यह है की सरकार अपने राजनितिक फायदों को छोड़ देश की अखंडता और समप्रभुता लिए काम करे और सुलगते भारत को टुकडो में बटने से बचाए वरना अगर यही हालात रहे तो हमें देश के एक राज्य से दुसरे राज्य में जाने के लिए वीजा लेना पड़ेगा
जरा सोचिये आप अखंड भारत देखना चाहते है या टुकड़े टुकड़े हुआ भारत